'आपको मानवता में विश्वास नहीं खोना, चाहिए मानवता सागर के समान है, यदि सागर की कुछ बूँदें गन्दी हैं, तो पूरा सागर गंदा नहीं हो जाता। '
'खुद वो बदलाव, बनिए जो आप दुनिया, में देखना चाहते हैं। '
मैं किसी को भी अपने गंदे पाँव के साथ मेरे मन से नहीं गुजरने दूंगा...I
सात घनघोर पाप: काम के बिना धन; अंतरात्मा के बिना सुख; मानवता के बिना विज्ञान; चरित्र के बिना ज्ञान; सिद्धांत के बिना राजनीति; नैतिकता के बिना व्यापार; त्याग के बिना पूजा.....I
ऐसे जियो जैसे कि तुम कल मरने वाले हो. ऐसे सीखो की तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो.....I
'थोडा सा अभ्यास बहुत सारे उपदेशों से बेहतर है....I'
क्रोध और असहिष्णुता सही समझ के दुश्मन हैं.
मौन सबसे सशक्त भाषण है. धीरे-धीरे दुनिया आपको सुनेगी.
ख़ुशी तब मिलेगी जब आप जो सोचते हैं, जो कहते हैं और जो करते हैं, सामंजस्य में हों.
व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित प्राणी है, वह जो सोचता है वही बन जाता है.I